THE BEST SIDE OF SIDH KUNJIKA

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देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥

न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

Salutations into the Goddess that has the shape of root chants Who by the chant “Intention” has the shape from the creator Who with the chant “Hreem” has the shape of one who normally takes treatment of every little thing And who because of the chant “Kleem” has the shape of passion

चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता more info बहुत मायने रखती है.

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

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